Uniform Civil Code: प्रॉपर्टी में बेटियों का भी होगा बराबर का अधिकार, भेद समाप्त करने की सिफारिश

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की विशेषज्ञ कमेटी ने अपनी सिफारिश में संपत्ति के अधिकार में सभी संतानों को बराबर का हक दिया है। इस मामले में धर्म, लिंग के अलावा जायज, नाजायज का भेद समाप्त करते हुए, सभी संतानों को जैविक संतान मानते हुए एक समान अधिकार दिए गए हैं।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, कमेटी ने सभी वर्गों के लिए पुत्र और पुत्री को संपत्ति में समान अधिकार प्रदान देने की संस्तुति की है। अभी अलग-अलग धर्मों में इसके लिए अलग-अलग प्रावधान है। इसी तरह संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज संतान का भी भेद खत्म कर दिया गया है। एक अहम कदम के तहत नाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान ही माना गया है।

इस कारण पंजीकृत विवाह से बाहर पैदा होने वाले ऐसे बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सकेगा। समान नागरिक संहिता में गोद लिए गए, सरोगेसी के द्वारा जन्म लेने वाले और असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी के द्वारा जन्म लिए गए बच्चों में कोई भेद नहीं माना गया है। यानि सभी तरह से पैदा बच्चों को जैविक संतान मानते हुए, समान अधिकार दिए गए हैं। इसी तरह किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी और बच्चों को समान अधिकार दिए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *