आज महात्मा गाँधी के शहादत दिवस के अवसर पर उत्तराखंड सर्वोदय मंडल एवं आचार्य कुल की और से आयोजित किये गए कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जन संगठनों एवं विपक्षी दलों के प्रतिनिधि इकट्ठे हुए। महात्मा गाँधी, देश के सारे शहीदों एवं कुंभ मेले में मरे लोगों को श्रद्दांजलि देते हुए और महात्मा गाँधी के विचारों को याद करते हुए वर्त्तमान स्थिति पर विचार विमर्श के बाद आंदोलन का एलान किया गया है। 4 फरवरी को नफरती हिंसा एवं लोगों को बेघर और बेदखली करने के खिलाफ धरना दिया जायेगा और 5 तारीख को यूसीसी के नाम पर लाया गया दमनकारी एवं जन विरोधी कानून पर राज्य स्तरीय बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
कार्यक्रम के बाद विचार विमर्श में सर्वोदय मंडल के हरबीर सिंह कुशवाहा ने कहा कि 77 साल बीत गए लेकिन आज तक जिन सपनों के लिए गांधी जी और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान दी, वह सपने अभी भी हमसे बहुत दूर हैं। उल्टा आज हिंसा, नफरत, कॉर्पोरेट लूट और गैर बराबरी का महिमामंडल किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ SN सचान ने कहा कि हमारे राज्य उत्तराखंड में ही लगातार अतिक्रमण के नाम पर लोगों के घरों, दुकानों और वन अधिकारों पर हमले हो रहे हैं; महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों का हनन हो रहा है; कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए विनाशकारी परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है; नफरती अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने कही कि गणतंत्र दिवस के ठीक एक दिन बाद महिलाओं के नाम पर एक कानून लाया गया है जिससे हम सबके निजता एवं मौलिक अधिकार खतरे में आ गया है। जिस राज्य में अधिकांश परिवार MNREGA, राशन और अन्य योजनाओं पर निर्भर हैं, उस राज्य में उन योजनाओं को कमजोर किया जा रहा है और कॉरपोरेट घरानों को सब्सिडी दी जा रही है।
कार्यक्रम का सञ्चालन करते हुए डॉ विजय शंकर शुक्ला ने कहा कि हमारे संविधान के उद्देशिका के अनुसार हमारे देश आज़ादी, समता, न्याय और बंधुता के आधार पर चलना चाहिए। अभी हमारे देश और राज्य में इन चारों मूल्यों को कमज़ोर करने की कोशिश लगातार की जा रही है। ऐसी स्थिति में आज के दिन सिर्फ महात्मा गाँधी की किताबों को पढ़ने से या उनके गानों को गाने से हम उनको श्रद्दांजलि नहीं दे सकते हैं। आने वाले दिनों में आवाज़ को भी उठाना होगा , वही देश के शहीदों के लिए सही श्रद्दांजलि होगी। चर्चा होने के बाद सर्व सहमति से उपरोक्त कार्यक्रमों का आयोजन कराने के लिए निर्णय लिया गया।
कार्यक्रम में आचार्य कुल की इंदु शर्मा; कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट; भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेशनल कौंसिल सदस्य समर भंडारी; अखिल भारतीय किसान सभा के प्रान्त सचिव सुरेंदर सिंह सजवाण; उत्तराखंड महिला मंच की निर्मला बिष्ट एवं अन्य सदस्य; चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल एवं राजेंद्र शाह; उत्तराखंड क्रांति दाल के लताफत हुसैन; उत्तराखंड नुमाइंदा संगठन के याकूब सिद्दीकी; जन संवाद समिति के सतीश धौलखंडी; और अन्य वरिष्ठ लोग शामिल रहे।