नेताजी संघर्ष समिति ने आज मालवीय रोड पर आजादी के अग्रदूत महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती के अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उन्हें याद किया कार्यक्रम को नगर निगम चुनाव के मद्देनजर सूक्ष्म स्तर पर किया गया
समिति के उपाध्यक्ष प्रभात डंडरियाल और प्रमुख महासचिव आरिफ वारसी ने नेताजी को याद करते हुए कहा की नेताजी सुभाष चंद्र बोस अगर उस समय न होते तो भारत को आजाद होने में शायद कुछ और वक्त लगता अंग्रेज़ उनके नाम ही खौफ खाते थे नेताजी के भूमिगत होने से डरे हुए विदेशी हमारा भारत छोड़ कर भागते नज़र आए
वारसी ने कहा नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने भारत की आजादी के लिए जो योगदान दिया वह हर कोई नहीं दे पाता उन्होंने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया था यह नेताजी ही थे जिन्होंने देश से बाहर जाकर जापान में आजाद हिंद फौज का गठन कर एक भारी सेना तैयार की और जिसमें हर धर्म और जाति के लोग शामिल किए जिनमें देश को आजादी दिलाने का जज्बा था यह वह दौर था जब दुनिया दूसरे विश्व युद्ध की मार झेल रही थी उस समय अपने देश की आजादी के लिए नेताजी ने जापान में आजाद हिंद फौज का गठन कर देश को आजादी दिलाने का कार्य किया और सन सेतालीस में भारत को आजादी मिली लेकिन बड़े दुख का विषय है के नेताजी सन पैंतालीस में जब हीरोशमा और नागासाकी पर बम गिरे तब नेताजी जापान से प्लेन में उड़े थे और वह प्लेन कहां गया क्या हुआ इसका आज तक पता नहीं चल सका भारत में कई सरकारें बनी और हटीं तीन आयोग उनकी खोज के लिए बनाए गए लेकिन किसी की भी रिपोर्ट पूर्ण रूप से नहीं आई के नेताजी आखिर अंतिम चरणों में कहां थे आज हम उनकी जयंती मना रहे हैं भारत को ऐसी आजादी दिलाने वाले और नेताजी आज हम जो आजाद भारत के अंदर आजादी की सांस ले रहे हैं यह उन्ही महापुरुषों और योद्धाओं के काम है जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने में काम किया इस अवसर पर हमे राजगुरु,सुखदेव,भगत सिंह,अशफाकुल्ला खां ,राम प्रसाद बिस्मिल,खुदी राम बोस चंद्र शेखर आजाद,जैसे महान योद्धाओं को याद करना चाहिए और उनके पगचिन्हो पर चलकर देश को इकट्ठा होने में इसको विश्व गुरु बनने में इसको बड़ी शक्ति बनने में हम सहयोग दें कानून का पालन करें देश से प्रेम करें देश में भाईचारा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई एकता बनी रहे इस पर काम करें नेताजी ने कहा था क़दम क़दम बढ़ाए जा खुशी के गीत गाए जा,ये जिंदगी है कोम की तू कौम पे लुटाए जा कौम का मतलब देश और देश वासियों था कि देश के लोग देश के लिएं काम करें उन्होंने कहा था तुम मुझे खून दो, में तुम्हे आज़ादी दुंगा और ये उन्होंने कर दिखाया आज की हुकूमत और शासन करने वालों को चाहिए की नेताजी की अंतिम छड़ों की खोज कर जानकारी निकाले और देश की जनता को जानकारी दें जिनकी वजह से आज वह देश की सत्ता में सत्तासीन हैं.
इस अवसर पर उपाध्यक्ष प्रभात डंडरियाल,महासचिव आरिफ़ वारसी,मनोज सिंघल,मंगेश लता ,अनीता सिंघल,प्रवीन शर्मा,प्रवीन गुप्ता,अरुण खरबंदा,सईद अहमद जमाल, इम्तियाज़ अहमद,संदीप गुप्ता,दानिश नूर,आदि उपस्थित रहे