यूथ रेडक्रास सोसायटी के मास्टर ट्रेनर आपदा प्रबंधन अनिल वर्मा ने कहा कि उत्तराखंड आपदाओं के प्रति बेहद संवेदनशील है। यहां 8
रिक्टर स्केल का भूकंप किसी भी क्षण आ सकता है। जो बड़ी तबाही ला सकता है। अतः प्राकृतिक आपदाएं हों,शत्रु देश से युद्ध अथवा सड़क दुर्घटनाएं स्थिति से निबटने में प्रशासन की मदद के लिए स्कूल-कॉलेज के युवा छात्र – छात्राओं को दुर्घटनास्थल से घायलों को सुरक्षित निकालने में बचाव के आपातकालीन तरीकों अग्निशमन तथा प्राथमिक चिकित्सा का विधिवत् प्रशिक्षण देकर तैयार रखना बहुत आवश्यक है।
उक्त विचार श्री वर्मा ने राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज,अजबपुर कलां में एन०एस०एस० की छात्राओं के सात दिवसीय विशेष वार्षिक शिविर में यूथ रेडक्रास सोसायटी द्वारा आयोजित आपदा प्रबंधन,अग्निशमन , सर्च एंड रेस्क्यू, प्राथमिक चिकित्सा,नशामुक्ति,सड़क सुरक्षा,स्वैच्छिक रक्तदान, मतदान , एनीमिया,एड्स, डेंगू, टी०बी०,थैलीसीमिया आदि विषयों का सैद्धांतिक व प्रायोगिक प्रशिक्षण के उपरांत व्यक्त किए।
एनएसएस की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी दीप्ति रावत ने कहा कि आपदा नियंत्रण केवल सरकारी दायित्व नहीं है।
किसी भी आपदा के कुशल नियंत्रण हेतु शासन की मशीनरी के साथ ही आपदा प्रबंधन में शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं की भूमिका बहुत कारगर साबित हो सकती है। कैम्प सीनियर लीडर कु० माही ने बताया कि यूथ रेडक्रास के विशेष तीन दिवसीय प्रशिक्षण में भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, त्वरित बाढ़, बिजली गिरना,बादल फटना, घरेलू व जंगल की आग, आग के प्रकार तथा अग्निशमन यंत्रों का उपयोग, सर्च एंड रेस्क्यू में इमरजेंसी मेथड्स ऑफ रेस्क्यू के फायरमेंस लिफ्ट, फोर एंड आफ्ट मेथड, रोप रेस्क्यू आदि तथा प्राथमिक चिकित्सा में हार्ट अटैक के दौरान मृतप्राय व्यक्ति को पुनर्जीवित करने के उपाय “सीपीआर” (कार्डियो पल्मोनरी रीससिटेशन) का विधिवत् प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
इसके साथ ही नशामुक्ति, सड़क सुरक्षा, एड्स नियंत्रण, टी०बी०,रक्तदान-महादान, मतदान (अच्छे नागरिक की पहचान), ईट राईट इंडिया (फास्ट फूड छोड़ो ,अच्छे स्वास्थ्य से नाता जोड़ो) , एनीमिया, थैलीसीमिया, डेंगू नियंत्रण आदि विषयों पर जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। शिविर में कार्यक्रम अधिकारी दीप्ति रावत के नेतृत्व में कु० ईशा, वैष्णवी, सिमरन, माही आदि छात्राओं ने इमरजेंसी मेथड्स ऑफ रेस्क्यू तथा सीपीआर का कुशल प्रदर्शन किया।