पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा के नेतृत्व में कंाग्रेसजनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी एवं नगर निगम प्रशासक, देहरादून से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन प्रेषित करते हुए देहरादून महानगर की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए उनके समाधान का अनुरोध किया।
जिलाधिकारी देहरादून को सौंपे ज्ञापन में पूर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार नगर निगमो में आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत कर्मियों की संख्या कम करना चाहती है। जबकि आउटसोर्स कर्मियों में ज्यादातर युवा काम कर रहे हैं और इन्हीं के माध्यम से नगर निगम के कई कार्य निष्पादित हो रहे हैं। महोदय, एक तरफ राज्य सरकार युवाओं को रोजगार दंेने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर जो युवा नगर निगम में संविदा/आउटसोर्स के माध्यम से निम्न वेतन पर रोजगार में लगे हैं उनको छंटनी के माध्यम से रोजगार से हटाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि देहरादून नगर निगम में आउटसोर्स कर्मियों की छटनी की सूची बनाने के चलते तमाम कर्मियों में रोष व्याप्त है। मौजूदा समय में तमाम कर्मचारी युवा एवं गरीब परिवारों से सम्बन्धित हैं। एक तरफ भाजपा की प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने की बात करती है, तो दूसरी तरफ नगर निगम से युवा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाकर उन्हें बेरोजगार करने की तैयारी चल रही है जो कि न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है।
लालचन्द शर्मा ने कहा कि युवाओं का रोजगार छिन जाने से इनके परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो सकता है। इस समय तमाम आउटसोर्स कर्मचारी नगर निगम के तमाम कामों को संभाले हुए हैं। पहले से ही प्रदेश में बेरोजगारी है। इसके कारण पहाड़ों से पलायन हो रहा है। तमाम पहाड़ के लोग भी नगर निगम में आउटसोर्स में काम कर रहे हैं। इसलिए जो भी कर्मी अपनी मेहनत और अनुभव के आधार पर सीट पर बैठकर काम कर रहा है तो उसे छटनी में शामिल नहीं किया जाए। कुशल लोगों को हटाने पर नगर निगम का सिस्टम ही बिगड़ जाएगा। आगे इन कुशल युवाओं ने ही नगर निगम के कामों को अंजाम तक ले जाना है। इसलिए इन्हें हटाना ठीक नहीं है। कर्मचारियों को हटाए जाने पर कांग्रेस इसका भारी विरोध करेगी।
कांग्रेस पार्टी का यह भी मानना है कि सरकार द्वारा बार-बार मलिन बस्तियों के नियमितीकरण के लिए अध्यादेश लाया जा रहा है। जबकि इससे पूर्व कांग्रेस सरकार उन्हें मालिकाना हक दिये जाने का प्रस्ताव पास कर चुकी है। कांग्रेस की मांग है कि प्रशासन के स्तर पर एक ठोस योजना बनाकर बस्तियों को मालिकाना हक देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम करोड़ों के विकास कार्य कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया करने जा रहा है। यह भी जानकारी मिली है कि भाजपा नेताओं के दबाव में कांग्रेस के निवर्तमान पार्षदों के वार्डों में कामों को काटा जा रहा है जो कि उचित प्रतीत नहीं होता है। नगर निगम प्रशासक के तौर पर सभी वार्डों में एक समान रूप से कामों को बांटा जाए। इसलिए कांग्रेस की मांग है कि वार्डों में आगामी विकास कार्यों के लिए राजनीति हस्तक्षेप ना हो तथा शीघ्र ही निर्माण कार्यों के टेंडर करवाकर विकास के कामों को शुरू किया जाए। इसके अतिरिक्त महानगर के कई वार्डों में सफाई व्यवस्था ठीक प्रकार से नहीं हो पा रही है। जहां पर नाले चोक हैं, उन्हें खोला जाए साथ ही महानगर में सफाई व्यवस्था दुरूस्त किये जाने हेतु पर्यावरण मित्रों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से यह भी मांग की कि शहर के बीचोंबीच स्थित गांधी पार्क में बने ओपन जिम जहां पर शहर भर के अनेक लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए आते हैं, का भी रख रखाव सही प्रकार से नहीं हो पा रहा है।
पूर्व विधायक श्री राज कुमार नें कहा की राज्य सरकार द्वारा मलिन बस्तियों के बिजली और पेयजल के कनेक्शन पर रोक लगाई गयी है इन रोको को हटाया जाना चाहिए साथ ही निगम द्वारा मलिन बस्तियों से हॉउस टैक्स पर रोक लगाई गयी है वो भी हटाई जाए।
श्री राज कुमार नें कहा की प्रायः देखने में आ रहा है की शहर में जगह जगह अवैध होर्डिंग लगाए जा रहे हैं जो की सरकारी धन का दुरपयोग है।
इस दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष नीनू सहगल, पार्षद सचिन थापा, अरुण शर्मा प्रदेश प्रवक्ता दीप वोहरा, एहतात खान, अर्जुन सोनकर, निखिल कुमार, राजेश पंवार, आशु रतूड़ी, सोम प्रकाश वाल्मीकि, शिव कुमार आदि मौजूद रहे