उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती में आयु सीमा बढ़ाने को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राम कंडवाल

उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती में आयु सीमा बढ़ाने, और ऊर्जा विभाग में यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल में जेई, टीजी2 भर्ती विज्ञापन जारी करने को लेकर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राम कंडवाल एवं संयोजक जेपी ध्यानी धरना स्थल एकता विहार में बेरोजगार युवाओं की विभिन्न मांगो को लेकर तथा मुख्यमंत्री का बेरोजगारों की समस्याएं न सुनने को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए। ये भूख हड़ताल अनिश्चित कालीन होगी, विगत दिनों सैकड़ों युवाओं ने गांधी पार्क में एकत्रित होते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए राजपुर रोड होते हुए मुख्यमंत्री आवास कूच किया था जिन्हें पुलिस ने हाथीबड़कला में रोकते हुए जबरन गिरफ्तार कर धरना स्थल एकता विहार छोड़ दिया था ।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि अन्य राज्यों में पुलिस कांस्टेबल की आयु सीमा बड़ी है, लेकिन उत्तराखंड में CM धामी ने युवाओं से किया वादा भी तोड़ दिया, उन्होंने कहा कि कई बार मुख्यमंत्री से युवाओं की विभिन्न मांगों को लेकर वार्त्ता करने का समय मांगा जा रहा है , सैकड़ों युवा सड़कों पर उतर चुके हैं किंतु मुख्यमंत्री युवाओं के प्रति संजीदा नहीं हैं। सरकार संविदा कर्मियों का नियमितिकरण कर रही जो बेरोजगारों के हित में नहीं है तथा उनकी चयन प्रक्रिया भी पारदर्शी रूप में नहीं हुई है। राजकीय महाविद्यालयों में प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया में एपीआई प्रणाली को समाप्त कर परीक्षा एवं साक्षात्कार को माध्यम बनाए जाने की मांग की जा रही है। संयुक्त स्नातक भर्ती परीक्षा में प्रतीक्षा सूची जारी करने, उत्तराखंड में होने वाली सभी भर्ती परीक्षाऐं तय समय में संपन्न कराने , अभ्यर्थियों की गहन जांच कर कठोर कार्यवाही करने की मांग की जा रही है।

जिस पर सरकार संज्ञान नहीं ले रही है। जिससे हताश एवं निराश होकर मजबूरन जेपी ध्यानी तथा के साथ हमें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा। प्रदेश संयोजक जेपी ध्यानी ने कहा कि जब तक हमारी विभिन्न मांगो पर मुख्यमंत्री द्वारा सकारात्मक पहल नहीं की जाती तब तक हम भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे और यहीं पर प्राण त्याग देंगे जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी की होगी। इस मौके पर अनशन में बैठने वाले मे डिप्लोमाधारी सुमित राय भी बैठे हैं, अनशन के पहले दिन बड़ी संख्या में बेरोजगार मौजूद रहे।

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