ऋषि आश्रम में भागवत सप्ताह में आज तृतीय दिवस की कथा में व्यास जी बताया कि ज्ञान – वैराग्य – योग व भक्ति मार्गो में भक्ति मार्ग ही सर्वश्रेष्ठ मार्ग है क्यों कि भक्ति पथ पर चलने वाले अनपढ़ भी हों तो बिना तर्क वितर्क के भगवान पर विश्वास कर भक्ति कर पाता है जबकि ज्ञान सहित अन्य मार्ग ज्यादा बुद्धि लगाता है और उसे अपने ज्ञान , वैराग्य व योग का अभिमान आ जाता है और भगवान को प्राप्त करने के लिए अभिमान बाधक है जैसे रावण , दुर्योधन आदि को परम विद्वान थे पर अभिमान ले डूबा।
आज राजा दक्ष व माता सती की कथा का वर्णन विस्तार से सुनाई साथ ही मनु महाराज के दो पुत्रों उत्तानपाद व देवव्रत सुरुचि व बुद्धिमती की कथा से मनुष्यों को सीख लेनी चाहिए । जड़ भरत सहित सुदर्शन– गरुड़ व सत्यभामा के घमंड होने पर कैसे श्रीकृष्ण ने उनका हनुमान जी द्वारा सीख दिलवाई ।
ऋषि आश्रम खुश्बुड़ा में इस अवसर पर आज जगदाचार्य श्रदेय स्वामी श्री उपेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज के आशीर्वाद जो कि पीठाधीश्वर, श्री नैमिषरण्य धाम के है साथ ही श्री महामण्डलेश्वर स्वामी श्री विद्या चैतन्य जी महाराज संचालक, एवं प्रबंधक की गरिमामय उपस्थिति में हुआ । मुख्य यजमान ई. चंद्र मोहन अग्रवाल सपरिवार सहित उपस्थित थे ।
सभी भक्तों ने महिलाओं भक्तों ने सुमधुर व संगीतमय भजनो पर भावविभोर होकर तालियों व नृत्य कर भरपूर आनंदलिया।
कथा आयोजन समिति के सदस्य जिनमें महामन्त्री मनमोहन शर्मा, संयोजक एवम प्रचार मंत्री सत्य प्रकाश गोयल, सह संयोजक बालेश गुप्ता, रजनीश गुप्ता, श्रवण कुमार तिवारी (पुजारी) सुरेन्द्र गोयल, देश बन्धु गोयल, दिनेश बंसल, मीडिया प्रभारी गिरिधर शर्मा एवम प्रवीण गुप्ता और महिला मंडल से श्रीमती मीना सिंघल, विमला गौड, कंचन आनन्द, ममता अग्रवाल देवरानी, बीना अग्रवाल, पुष्पा शर्मा, प्राची मित्तल व सरला शर्मा सहित सैकड़ों भक्त जन उपस्थित थे ।