देहरादून. आज राष्ट्र वादी आर टी आई एक्टिविस्ट एंड ह्यूमन राइट्स फेडरेसन भारत द्वारा चखुवाला कार्यलय में बैठक आयोजित की गई जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह ललकार ने कहाँ की सन 2005 में सूचना का अधिकार का कानून लघु किया गया था जिसका उदेश्य ही पारदर्शिता जिम्मेदारी जवाबदेही द्वारा जनता को खास कर गरीब आदमी को न्याय प्रदान कर उसकी मुश्किलों को हल कर ना था आर टी आई द्वारा अनेकों भरस्टाचार के मामले उजागर हुऐ वहीँ सूचना का अधिकार का प्रयोग करने वाले ना जाने कितने आर टी आई कार्यकर्त्ता बलिदान होगे, गरीब और आम जनता आपनी अधिकारों व आपनी आवाज जिसे अनसुना कर दिया जाता है तब जनता को आर टी आई का प्रयोग विवश होकर करना पड़ता है परन्तु आज 18 साल से ऊपर होने के बावजूद आर टी आई में लोक सूचना अधिकारी सूचनाएँ ही नहीं प्रदान करते तब विवश आम आदमी को फर्स्ट व सेकंड अपील में जाना पड़ता है जिसमें ना केवल धन अपितु समय भी व्यर्थ जाता है और सूचना आयोग भी सूचना नहीं दिलवा पता है,
सूचना आयुक्त धारा 23का हवाला दें कर मामले को हाई कोर्ट के लिये रेफर कर रहें है, जब की हाई कोर्ट आम आदमी के लिये जाना असंभव है क्यों की महंगा न्याय हर कोहि हासिल नहीं कर सकता दूसरा हाई कोर्ट में बिना पत्रावली मामले को दाखिल नहीं किया जा सकता है वहीँ सूचना आयुक्त लाखों रुपए का वेतन व अन्य भते जनता के करों के भुगतान के मद से वेतन प्राप्त करने वाले जिनका कार्य केवल जनता को सूचनाएँ प्रदान करवा कर आर टी आई कार्यकर्त्ताओ के उत्पीड़न को रोकना था जिसमें ना तो आज जनता को सूचनाएँ उपलब्ध कराई जा रही है वहीँ आर टी आई में आम जनता पर दुरूपयोग के नाम पर आम जनता पर पर्शन चिन लगाना उचित नहीं वहीँ वेद गुप्ता राष्ट्रीय माह मंत्री ने कहाँ आर टी आई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी को जिला बदर कर उनका उत्पीड़न इस लिये किया गया क्योकि उन्होंने बड़े बड़े घोटाले उजागर किये आज हर रोज ऐसे सेकरों मामले आ रहें है जिसमें आम आदमी को राजनितिक दल से जुड़े व्यक्ति ना केवल भूमि कब्ज़ा रहें है अपितु धमका भी रहें है परन्तु उन पर किसी प्रकार की जिला बदर की कार्यवाही नहीं होती है जब की घोटालो को उजागर करने के लिये जिन्हे सम्मानित किया जाना था,
उन्हें अपमानित करने के उदेश्य से जिला बदर किया गया जब की कानून सब के लिये बराबर है, तो अन्य पर कब जिला बदर की कार्यवाही होंगी वहीँ प्रदेश अध्यक्ष राकेश भट्ट ने कहाँ की गुड गवर्नस का नारा देने वाली सरकार भरस्टाचार को उजागर करने वालो को सम्मानित करने के स्थान पर उनका उत्पीड़न करेंगी जो उचित नहीं भारतीय संसद द्वारा पारित सूचना के अधिकार का प्रयोग कर ही एडवोकेट विकेश नेगी ने भरस्टाचार को उजागर किया था वहीँ आर टी आई कार्यकर्त्ताओ के उत्पीड़न व मौलिक अधिकारों के हनन पर प्रदेश माह मंत्री राकेश शर्मा ने चिंता जताई वहीँ सूचना आयोग की मूक दर्शक की भूमिका भी सवाल खड़े करती है इस अवसर पर अरविन्द मल्होत्रा, एडवोकेट मनीष, अमित वर्मा, कृष्ण गोपाल रुहेला, कैलाश सेमवाल, दीपक गुसाईं, शुभम ठाकुर, बिजेंद्र सेमवाल, हेमंत शर्मा, राजकुमार, धारा सिंह, राजेश नाथ, शिवम् भट्ट जिला अध्यक्ष, पारस थपलियाल जिला माहसचिव, वैभव पंथ, अभिषेक राघव, गौरव नौटियाल आदि मौजूद थे