मार्च 2020 से सितंबर 2022 तक मेजर रविन्द्र सिंह रावत ने भारतीय सैना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स ( राजपूत) मे कार्यरत रहते हुए बहादुरी तथा प्रेरक नेतृत्व का प्रदर्शन करते हुए 11 सफल ऑपरेशनस मे सक्रिया रूप से भाग लिया और 28 कट्टर आतंकवादियों के खात्मे मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 30 अगस्त 2022 को तीन कट्टर आतंकियों के जम्मू और कश्मीर के शोपिया जिले के एक गांव मे छुपे होने की खबर मिलने पर सैना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स (राजपूत) ने उस गांव मे तुरन्त कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शुरू किया । गांव की प्रारंभिक घेराबंदी करते समय मेजर रविन्द्र सिंह रावत ने तीन हथियारबंद आतंकवादियों को घने सेब के बाग की तरफ से घेराबंदी से बाहर भागने की कोशिश करते हुए देखा। यह देखकर अधिकारी तथा उसके साथी ने आतंकवादियों के ऊपर गोलियों की बौछार शुरू कर दी और आतंकवादियो को घेराबंदी तोड़ कर भागने मे विफल कर दिया। यह देखकर आतंकवादियों ने एक बार फिर घेराबंदी तोड़ने की कोशिश में अधिकारी तथा उनके साथी पर अंधाधुंध फायरिंग तथा ग्रेनेड फेकना शुरू कर दिया। जवाबी फायरिंग कराते हुए मेजर रविन्द्र सिंह रावत ने एक आतंकवादी को सटीक गोलीबारी से गंभीर रूप से घायल कर दिया और लगातार फायर करते हुए बाकी के दो आतंकवादियो को घेराबंदी से बाहर निकलने से रोकते रहे। पहले घायल आतंकवादी का खात्मा बाद में अधिकारी के साथी ने बहुत बहादुरी से किया।
बचकर भागने मे नाकामयाब होने पर बचे हुए दो आतंकवादी वापस घेराबंदी के अंदर की ओर भागे जिसमे दूसरा आतंकवादी भी मारा गया। तीसरा आतंकवादी घनी झाड़ियों का फायदा उठाकर एक गहरे सीमेंटेड नाले में घूस गया और वहा से सैनिकों पर अंधाधुंध फायरिंग तथा ग्रेनेड फैंकने लगा। सीमेंटेड नाले की आड मिलने के कारण सैनिको द्वारा की जाने वाली जवाबी फायरिंग का उस आतंकवादी पर कोई असर नहीं पड रहा था। अपने सैनिकों की जान की हिफाजत करने के लिए मेजर रविन्द्र सिंह रावत बिना वक्त गवाए तथा अपनी जान की परवाह न करते हुए तुरंत उस सीमेंटेड नाले में घुस गए तथा आतंकवादी के साथ बहुत करीब से हुई गोलाबारी मे उस तीसरे आतंकवादी को मौत के घाट उतार दिया। मारे गए इस आतंकवादी की पहचान एक कट्टर आतंकवादी के रूप में की गई जो पहले कई बार सैनिकों को घायल कर कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन से भाग निकलने मे कामयाब हो चुका था।
मेजर रविन्द्र सिंह रावत द्वारा प्रदाशित इस अद्वितीय साहस ,अनुकरणीय नेतृत्व और सर्वोच्च वीरता प्रर्दशन के लिए 5 जुलाई 2024 को महामहिम राष्ट्रपति महोदया जी ने राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली मे मेजर रविन्द्र सिंह रावत जी को शौर्य चक्र से सम्मानित किया
इस विशेष महत्वपूर्ण सफलता में ईश्वर के साथ-साथ उनकी माता जी श्रीमती जमुना देवी रावत का विशेष आशीर्वाद रहा है।
मेजर रविन्द्र सिंह रावत ,शौर्य चक्र सूबेदार मेजर (से. नि) श्री बादर सिंह रावत जी के सुपुत्र हैं। जो कोर आफ़ सिग्नल्स से सेवा निवृत्त हैं। रावत जी स्वयं एक समाजसेवी हैं। इनका पैतृक गांव गौचर (अंगोत) जिला चमोली गढ़वाल है। हाल निवास सेवला कलां देहरादून मे है। आप का परिवार सैनिक पृष्ठभूमि से पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है। आपके दादा जी स्वर्गीय श्री बालम सिंह रावत जी भी सेना से सेवानिवृत थे ।और आपकी बड़ी बहन शशि रावत भी इस वक्त आर्मी मेडिकल कोर में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर सेवारत है । तथा आपके परिवार में दोनों चाचाजी श्री रणवीर सिंह रावत जी और श्री गोविंद सिंह रावत जी भी सैना से सेवानिवृत्ति है ।
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हम आशा करते हैं ।कि हमारे उत्तराखण्ड के जांबाज सैनिक लगातार अपने शौर्य और पराक्रम से प्रदेश और देश के सैन्य इतिहास में अपनी अग्रणीय भूमिका अदा करते रहें है।