कूर्मांचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद गड़ी शाखा द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी वट सावित्री त्योहार सामूहिक रूप से हर्षोल्लास के साथ टपकेश्वर मंदिर में मनाया गया जिसे सभी महिलाएं अपने पारंपरिक उत्तराखंडी परिधान पहन कर आई और विधि विधान से वट वृक्ष की पूजा की। हमारी संस्कृति सभी त्योहार पर्यावरण संरक्षण को आधार बनाकर रखे गए हैं। वट सावित्री व्रत पूजन में वट वृक्ष के चारों ओर सामूहिक रूप से महिलाओ ने पूजा की गई और अपने पति की लंबी उम्र की कामना भी की गई। रोली, चंदन हल्दी, अक्षत, दीप, धूप, सुहाग पिटारी, भीगे चने, विभिन्न प्रकार के फलों के साथ पकवान भी वट वृक्ष को चढ़ाए गए।
वृक्ष के चारों ओर मंगल धागा भी बांधा गया और इसके साथ सुहाग अम्बे गौरी हम सबको दीजो सुहाग भजन प्रार्थना गाई गई। प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता त्यौहार के माध्यम से व्यक्त की गई । वट सावित्री व्रत कथा सुनने के बाद गणेश जी, मां अंबे गौरी और शिवजी की आरतियां गाई गई। सभी महिलाओं द्वारा पहाड़ी भजन कीर्तन के साथ झोड़ा चांचरी भी वट वृक्ष के समीप प्रस्तुत किए गए। टपकेश्वर मंदिर परिसर हर्षोल्लास के साथ महक उठा। कार्यक्रम में गढ़ी शाखा की सचिव बबीता साह लोहनी सहित कमला उप्रेती, हंस राणा, कनिका उप्रेती,नीलम शर्मा, प्रेमा तिवारी, रेनू बिष्ट ,उमा कांडपाल, नेहा कांडपाल, देवकी रावत, उमा मनराल, जानकी जोशी, नेहा जोशी, ज्योति जोशी, शोभा जोशी, कमला बिष्ट, नेहा रावत, दीपा बिष्ट, लता रावत, दीपा रावत, अनिता बिष्ट, अंजली कांडपाल, पुष्पा भट्ट, इंदु रावत, तनुजा तिवारी, सीमा पांडेय, पुष्पलता जोशी, सीमा जोशी, सरस्वती पांडे आदि सामूहिक रूप से शामिल रहे।