सेवा संलग्न सैनिकों ने ए डब्लू एच ओ रुड़की से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भारत सरकार से लगाई गुहार

30-35 वर्ष पूर्व तत् कालीन सेवा संलग्न सैनिकों ने ए डब्लू एच ओ रुड़की पर भरोसा कर रुड़की लंढौरा नजदीक प्रसाद विहार पाकेट बी में प्लाट खरीदे थे परन्तु ए डब्लू एच ओ की उदासीनता से हुए नुकसान की भरपाई बाबत और बेचनें बाबत भारत सरकार से लगाएंगे गुहार।
महोदय,

जैसे आपको भी विदित है कि एक सैनिक के अन्दर भी संवेदनाएं होती हैं परन्तु देश की सुरक्षा उसका उसके लिए सर्वोपरि कर्तव्य होता है। उसको अपने परिवार से दूर दुर्गम और जोखिम भरे स्थानों में ही ज्यादा रहना पड़ता है परन्तु उसके मन में भी सेवा निवृत्त के बाद अपने परिवार में रहने का सुन्दर सपना संजोए रखता है।इसी परिप्रेक्ष्य में वह नामी-गिरामी संस्थान आर्मी वेलफेयर हाउजिंग आर्गनाइजेशन से अपने आशियाना बनाने हेतु भू-भाग खरीदता है और बाद में उस भू-भाग में अपने लिए एक जोखिम भरी स्थिति देखता है तो वह अपने को निराश और ठगा हुआ अवश्य महसूस करता है।

2 . 1988-1989 के दरमियान तत् कालीन सेवा संलग्न सैनिक अधिकारी,जे सी ओज/जवानों ने आर्मी वेलफेयर हाउजिंग आर्गनाइजेशन रुड़की पर भरोसा कर स्थान रुड़की नजदीक लंढौरा प्रसाद विहार पाकेट बी में प्लाट खरीदे।उस समय सभी व्यवस्था मुहैया कराने बाबत ए डब्लू एच ओ ने कुछ भुगतान भी प्लाट धारकों पर सुनिश्चित किया था और प्लाट धारकों ने अपने इन प्लाटों की रजिस्ट्री भी रुड़की रजिस्ट्रार से शुरू कर दी थी।इसी दरमियान 2 सैनिक अधिकारियों ने भी अपनें मकान वहां पर बना दिए थे और अपने परिवार सहित वहां पर रहने लगे।इसी अन्तराल में पाकेट बी की बाउंड्री के साथ चिपका कर आई ओ सी ने अपना विशाल गैस भण्डारण स्थापित कर दिया जिससे यह स्थान एक जोखिम भरा हो गया और ये सैनिक अधिकारी भी अन्यत्र कहीं बस गए। तत् पश्चात ए डब्लू एच ओ ने वहां से अपने सुरक्षा गार्ड आदि भी हटा दिए जिससे वहां पर बिजली पानी की सभी लाइन और पाइपें भी वहां से नदारद हो गई।इस प्रकार यह स्थान एक बीरान और बीहड़ जंगल बन गया। वैसे भी यह स्थान पूर्व सैनिक व सैनिक पृष्ठ भूमि के लोगों का आशियाना बनाने के लिए उपयुक्त नहीं था किन कारणों से यह स्थान सैनिकों के आशियाना बनाने के लिए ढूंढा गया जो कि अवश्य चिंतनीय है। वहां पर जो भी पूर्व सैनिक आशियाना बनाने गया वह निराशा ही वापिस आया और अन्यत्र बस गया।

3 , महोदय इसमें से कुछ बुजुर्ग पूर्व सैनिक भगवान जी को भी प्यारे हो गए और अब उनके आश्रित इधर उधर परेशान हो रहे हैं। और जो हम लोग हैं सभी 75 साल या इसके आसपास हैं अब इस ढलती उम्र में हम वहां पर बसने से लाचार ही हैं। अभी 2017 में ए डब्लू एच ओ ने अपनी जवाबदेही आर डब्लू ए रुड़की को सौंप दी है जो कि अब हम लोगों से पिछला बकाया भुगतान वसूल करने का ही दिशा निर्देश जारी कर रहा है।

4 महोदय हम सभी प्लाट धारकों का अब उपरोक्त समस्या से निजात पाने हेतु लगातार ज़ूम मीटिंग आदि हो रही हैं कि ये सब प्लाट ए डब्लू एच ओ, राज्य सरकार या भारत सरकार पूरा का पूरा खरीद कर हमें आज की रकम वापिस करा दे साथ ही आई ओ सी से हमारे नुकसान की भरपाई हमें करा दें तो हम सभी आभारी रहेंगे। वैसे इस विषय हेतु हम सभी भारत सरकार से भी गुहार लगाएंगे।
महोदय सरकारों तक हमारी यह दुःख भरी फरियाद पहुंचाने के लिए अपने अपने समाचार पत्रों में यह प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशित करने की महान कृपा करें। आपके जानकारी हेतु में अभी 19 मही 2024 की ज़ूम मीटिंग का भी कुछ बिंदु आपको भेज रहा हूं

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