108 सूर्य नमस्कार साधना शिविर का सुभारंभ

108 सूर्य नमस्कार साधना शिविर आज ओ0एन0जी0सी0 मैदान आंबेडकर स्टेडियम कौलागढ़ रोड राजेंद्रनगर देहरादून में 200 से भी अधिक योग साधकों ने 108 सूर्य नमस्कार साधना शिविर का सुभारंभ टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत 108 कृष्णा गिरी जी महाराज, दून योग पीठ के संस्थापक योगाचार्य डा0 बिपिन जोशी और उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री कैलाश पंत और अष्टांग योग और कल्याण केन्द्र के संस्थापक योगाचार्य विक्रम ने दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से किया, श्रीमती संजना प्रधान जी ने गणेश वंदना की सुमधुर प्रस्तुति दी,महंत कृष्णा गिरी जी ने नियमित रूप से योग अभ्यास करने का आह्वान किया साथ ही रोगों के रोकथाम में योग और प्राणायाम को रामबाण औषधि बताया.

उत्तराखंड सरकार में राज्यमंत्री कैलाश पंत ने सूर्य नमस्कार को योग का सार बताते हुवे नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने का आह्वान किया दून योग पीठ देहरादून के संस्थापक योगाचार्य डा0 बिपिन जोशी ने अष्टांग योग एवं कल्याण केन्द्र को सफल कार्यक्रम की बधाई देते हुवे देवभूमि उत्तराखंड को वैलनेस का हब बनाने में जन जन से सहयोग का आह्वान किया उन्होने कहा उत्तराखंड के गावों को योग और आयुर्वेद ग्राम के रूप मे विकसित कर राज्य से पलायन रोका जा सकता है साथ ही रिवर्ष पलायन भी हो सकता है स्थानीय लोगो को रोजगार और सम्पूर्ण विश्व को स्वास्थ्य मिल सकता है कार्यक्रम के संयोजक अष्टांग योग एवं कल्याण केन्द्र के संस्थापक योगाचार्य विक्रम ने सभी अतिथियों को पोंधे भेंट कर स्वागत अभिनन्दन किया, योग के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहें पतंजलि योगपीठ, दून योगपीठ, अष्टांग योग एवं कल्याण केन्द्र, सहित देहरादून में अपना योग केन्द्र चलाने वाले विभिन्न योग केन्द्रों के लगभग।

50 शिक्षक शिक्षिकाओं को मुख्य अतिथि राज्य मंत्री कैलाश पंत, विशिष्ट अतिथि योगाचार्य डा0 बिपिन जोशी और कार्यक्रम संयोजक योगाचार्य विक्रम जी ने प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया कार्यक्रम का संचालन निधि अग्रवाल ने किया अष्टांग योग और वैलनेस की हेड फैकल्टी वंशिका गोयल का विशेष योगदान रहा, राजेश गोयल, अनु गोयल आदि का विशेष सहयोग रहा, विदित रहे अष्टांग योग और वेलनेस सेंटर में नियमित रूप से 150 से भी अधिक योग साधक योग अभ्यास के साथ साथ योग और आर्युवेद थेरेपी का लाभ लेकर स्वस्थ्य हो रहे हैं,सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र भेंट किए गए।

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