इन्दिरा मार्केट रि- डैवलपमैंट प्लान ठप्प होने पर मुख्यमंत्री तथा शहरी विकास मन्त्री को ज्ञापन भेजा

इस सन्दर्भ में एक संयुक्त प्रतिनिधिमण्डल जिसमें सीपीएम ,कांग्रेस ,आयूपी ,सीपीआई,सपा ,सीआईटीयू ,एटक ,इंटक ,चेतना आन्दोलन ,भीम आर्मी ,किसान सभा ,जनवादी महिला समिति ,उत्तराखण्ड पीपुल्स फोरम व उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधि शामिल थे ।इनके द्वारा विधानसभा स्थित कार्यालय में माननीय शहरी विकास मन्त्री उत्तराखंड से सरकार से मुलाकात की गई तथा उनसे रि – डैवलपमैंट प्लान में समयबद्ध ढंग से कार्य करने का अनुरोध किया ।प्रतिनिधि मण्डल के अनुरोध पर
माननीय मन्त्री द्वारा एमडीडीए अधिकारियों के साथ परियोजना का स्थलीय निरीक्षण कर कार्य हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये थे बावजूद इसके मौके पर आज भी काम ठप्प पड़ा हुआ है परिणास्वरूप प्रभावितों में इस लापरवाही पर भारी आक्रोश व्याप्त है । ज्ञापन में कहा गया है कि आज किसी भी स्तर पर प्रभावितों को सही जानकारी नहीं दी जा रही है । आगे कहा गया कि प्रभावितों के रोजगार ठप्प पड़े हुऐ हैं । ज्ञापन में कहा गया है कि अस्थाई खोखों में सीमित स्थान ,पार्किंग एवं रखरखाव की भारी कमी है ।यही भी कहा गया है कि पार्टी एवं जनसंगठनों तथा सीआईटीयू कार्यालय यहाँ अस्थाई खोखों में हैं जिसमें हर दिन बड़ी संख्या में जनता से जुड़े लोग अपनी समस्या को लेकर आते हैं ,हमने सभी उचित माध्यमों से जगह की कमी की शिकायत की थी किन्तु इस पर ध्यान नहीं दिया गया ।हालात यह है कि अस्थाई मार्केट में हर तरह से मरम्मत की आवश्यकता दुकानों एवं कार्यालयों में पूरे बरसात पानी आ रहा है ।
ज्ञापन में मांग कि गई :-
(1)2014 से स्वीकृत उक्त परियोजना को अब 10 साल से अधिक समय हो गया है, इस योजना का दो बार उद्घाटन होने के बावजूद भी निर्माण कार्य ठप्प पड़ा हुआ है ,बहाना पैसों एवं बर्षात का बनाया जा रहा है । है ,वर्तरमान में देहरादून में सैकड़ों भीमकाय निर्माण चल रहे हैं जो अपनी समय सीमा पर पूरे हो रहे हैं । उद्घघाटन के वक्त माननीय मुख्यमंत्री जी अधिकारियों एवं कम्पनी द्वारा भब्य समारोह में आपको आश्वास्त किया था कि चौदह महीने के अन्तर्गत परियोजना के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण किया जायेगा तथा प्रभावितों के एक हिस्से बस अढ्ढे तथा इन्दिरा मार्केट के कुछ व्यवसायियों की शिफ्टिंग हो जायेगी तथा दूसरे चरण का कार्य शुरू हो जायेगा। इस हेतु परियोजना की लागत 150 करोड से बढ़ाकर 250 करोड़ किया गयी बावजूद कार्यदायी संस्था के कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया बल्कि स्थिति पहले से बदतर हुई है।
अनेकों अवसरों पर अनेकों राजनैतिक दलों ,माननीय विधायक राजपुर रोड़ विधानसभा खजानदासजी ,व्यापार मण्डलों तथा सामाजिक संगठनों ने सभी उचित माध्यमों ने उक्त मुद्दा रखा ।
पिछली एमडीडीए बोर्ड बैठक में (1)कम्पनी की कार्यप्रणाली तथा उसके तैनात जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के चलते उनका ठेका निरस्त किया गया किन्तु वोर्ड का निर्णय भी कागजी कार्यवाही बनकर रह गया ।
(2)इस प्लान में कार्य चार चरणों में होना प्रस्तावित है ,एमडीडीए/कम्पनी तथा सरकार के आश्वासन के बाद अधिकांश एम ओ यू 2016 में सम्पन्न हुऐ तथा 2018 में पूरे हुऐ ।
(3)एम ओ यू हस्ताक्षर के बाद तत्कालीन एमडीडीए अधिकारियों के आश्वासन के बाद बर्ष 2019 में लगभग 38 प्रभावितों ने अपने मूल स्थान की दुकानों /कार्यालयों को तोड़कर कब्जा एमडीडीए को देकर अस्थाई खोखों में आ गये तत्पश्चात कोरनाकाल के बाद सभी व्यवसायी खोखों में आ गये ।
(4)संज्ञान में आया है कि वर्तमान मे प्रभावित केवल पुराने बस अढ्ढे के लोग हैं ,इन्दिरा मार्केट के व्यवसायी यथावत रोजगार कर रहे हैं ,‌इस स्थित का लाभ भी एमडीडीए एवं कम्पनी ले रही है ,डिबाईड एवं रूल का फार्मूला भी यहाँ खूब फलफूल रहा है । परिणामस्वरूप अस्थाई मार्केट में पहले ही अपना रोजगार गवां चुके लोग भुगत रहे हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *