उत्तराखंड मे ज़ब ज़ब खेल की बात होती है यां भविष्य मे होंगी एक ही शख्स का नाम लिया जायेगा डॉ विरेन्द्र सिंह रावत का जिसने पूरा जीवन खेलो के लिए समर्पित कर दिया है वो भी राज्य खेल फुटबाल के लिए, खेल नीति के लिए 23 वर्षो का संघर्ष कर लागू करना, समय समय पर सरकार को सुझाव देना, खेल के विकास के लिए नौकरी छोड़ी, जमीन बेचीं, कर्ज लिया, जेल गया, शोषण सहा और कई बार घायल हुवा लेकिन हार नहीं मानी 55 साल की उम्र मे भी युवाओं के लिए एक प्रेरणाश्रोत है.
डॉ रावत को अभी तक 58 के लगभग इंटरनेशनल, नेशनल और स्टेट अवार्ड समस्त भारत की सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओ से अवार्ड मिल चूका है. डॉ रावत को इंडिया प्राउड ऑफ़ बुक रिकॉर्डस भारतीय खेल गौरव सम्मान 2024 से सम्मानित किया संस्था के श्री कपिल साहू के द्वारा प्रदान किया गया जिसमें कपिल साहू ने बताया की डॉ रावत के 25 साल से खेल के प्रति समर्पित भाव और हजारों खिलाडी, कोच,रेफ्रीयों को बनाया और समाज को स्वस्थ के प्रति जागरूक करना और नशे के खिलाफ जागरूक किया है जिससे करोड़ो लोग आज अपना भविष्य बना रहे है. डॉ रावत ने इस अवार्ड को उत्तराखंड और भारत देश के समस्त नौजवान को समर्पित किया